Proton Ki Khoj Kisne Ki - प्रोटोन की खोज किसने की
प्रोटॉन की खोज अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने वर्ष 1911 में की थी। उन्होंने अपने प्रसिद्ध सोने की पन्नी प्रयोग में यह देखा कि अल्फा कणों का प्रकीर्णन परमाणु के केंद्र में एक छोटे से क्षेत्र से होता है। उन्होंने इस क्षेत्र को नाभिक नाम दिया। उन्होंने यह भी अनुमान लगाया कि नाभिक में धनात्मक आवेश वाले कण मौजूद हैं।
रदरफोर्ड के इस अनुमान की पुष्टि जेम्स चाडविक ने वर्ष 1932 में की। उन्होंने बेरिलियम पर अल्फा कणों की बौछार की और पाया कि इससे एक नया प्रकार का कण निकलता है, जिसका द्रव्यमान हाइड्रोजन के नाभिक के बराबर था और आवेश अल्फा कण के आवेश के समान था। चाडविक ने इस कण का नाम प्रोटॉन रखा।
इस प्रकार, प्रोटॉन की खोज का श्रेय अर्नेस्ट रदरफोर्ड और जेम्स चाडविक को जाता है।
प्रोटॉन एक उप-परमाणु कण है जिसमें एक सकारात्मक विद्युत आवेश होता है। यह परमाणु के नाभिक का एक महत्वपूर्ण घटक है। किसी परमाणु के नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या उस परमाणु की परमाणु संख्या कहलाती है। परमाणु संख्या किसी परमाणु की पहचान करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण गुण है।
प्रोटॉन का आवेश 1.60217662 × 10^-19 कूलम्ब होता है। इसका द्रव्यमान 1.67262192369(51) × 10^-27 किलोग्राम होता है। प्रोटॉन का द्रव्यमान इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान का लगभग 1836 गुना होता है।